भारत देश के पूर्व में मेघालय (Meghalaya) बहुत ही सुन्दर राज्य बसा हुआ है। यह सैलानियों के स्वर्ग से कम नहीं है। यहाँ पर जंगल, पहाड़, जीव जंतु और बहुत ही अलग रीति रिवाज हर किसी का मन मोह लेते है। इस राज्य में हर साल बहुत बड़ी संख्या में पर्यटक में घूमने के लिए आते है। आइये आज हम बात करते है, मेघालय के पर्यटन स्थल(Tourist place)के बारे में विस्तार सहित।
चेरापूंजी (Cherrapunji)
चेरापूंजी मेघालय का सब से सुन्दर शहर है। यहाँ पर पहाड़, जंगल और प्राचीन इमारतें पर्यटकों का दिल आराम से जीत लेते है। इस शहर का वातावरण बहुत ही शांत है। हर समय ठंडी ठंडी वायु चलती रहती है। चेरापूंजी में ताज़े पानी का अपना ही स्वाद है। सैलानियों के घूमने के लिए नोह कालिकई फॉल्स, थेलेन फॉल्स, नोह स्निग्थियांग फॉल्स और बरसाती धुंध सब से अच्छे स्थान है। इस शहर में बहुत ज्यादा बारिश होती है, इसलिए बारिश के दिनों में ना ही जाए।
मौसिनराम (Mawsynram)
बारिश में घूमने वाले लोगों के लिए मौसिनराम बहुत ही बढ़िया स्थान है। मौसिनराम दुनिया के सब से खूबसूरत स्थानों में से एक है। यह चेरापूंजी के पास एक छोटा सा गांव है। इस गांव का आकार एक शिवलिंग की तरह है। यहाँ के लोगों का जीवन बहुत ही सादगी से भरा है।
तुरा शहर (Tura city)
तुरा शहर तुरा वेस्ट गारो में एक खूबसूरत भव्य शहर है। इस नगर में घूमने के लिए नोकेरेक राष्ट्रीय उद्यान है। यह उद्यान शहर से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस पार्क में सैलानी जंगली जानवरों को देखने के साथ, ट्रैकिंग का मजा भी ले सकते है। यह वाकई में बहुत ही शानदार अनुभव है।
शिलांग (Shillong)
भारत देश का एक मात्र ऐसा हिल स्टेशन, जहाँ पर आप किसी भी दिशा से पहुंच सकते हो। हिल स्टेशन होने के साथ, यह मेघालय (Meghalaya) की राजधानी भी है। कुछ लोग इसकी सुंदरता को देख कर इसे "पूर्व का स्कॉटलैंड" भी कहते है। इसका नाम यू-शिलांग (U-Shyllong ) देवता के नाम पर रखा गया था। समुद्र तल से इसकी ऊँचाई 1491 मीटर है। शिलांग की ज्यादा ऊँचाई होने के कारण आप बादलों को बहुत ही करीब से देख सकते है।
नोंगपोह (Nongpoh)
नोंगपोह एक छोटा सा नगर है। छोटा नगर होने के बावजूद भी, सुंदरता के मामले में हर किसी को मात देता है। यह नदी बह्रमपुत्र के मैदानी इलाकों के समीप बसा हुआ है। नोंगपोह की जलवायु हर सैलानी के मन को बहुत ज्यादा शांति प्रदान करती है।
जोवाई नगर (Jowai city)
जोवाई नगर अपनी जीवन शैली के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम सैलानियों का में मोह लेते है। पर्यटकों के घूमने के लिए थडलास्केन झील और लालोंग पार्क मुख्य स्थान है।
बाघमारा (Baghmara)
जिन लोगों को प्रकृति में रुचि हो, वह बाघमारा जरूर आये। बाघमारा में जंगल, पहाड़, झरने, नदियां और जीव जंतु देखने को मिलते है। यहाँ के सांस्कृतिक कार्यक्रम पर्यटकों को बहुत ज्यादा लुभाते है। यह मेघालय से सिर्फ 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
विल्लिअनागर (Williamnagar)
मेघालय (Meghalaya) के पूर्व गारो हिल्स जिले में छोटा सा शहर विल्लिअनागर है। इसका पुराना नाम सिमसांग्रे (Simsanggre) था। यहाँ की छोटी छोटी दुकानें और लोगों के परिधान सैलानियों को बहुत भाते है।
माव्समाई गुफा (Mawsmai)
माव्समाई गुफा अपनी सुंदरता के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यह गुफा 150 किलोमीटर लम्बी है। इस गुफा में जाने पर अपने रास्ते को अच्छे से याद रखे। लोग अकसर इसके अंदर सही रास्ते से भटक जाते है। यहाँ पर पर्यटकों को चमकते पत्थर बहुत बड़ी संख्या में देखने को मिलते है।
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नोहकलिकाई (Nohkalikai Waterfalls)
संसार का चौथा सब से सुन्दर झरना नोहकलिकाई को माना जाता है। इसकी ऊँचाई लगभग 335 मीटर है। दुनिया के कोने से पर्यटक इस झरने को देखने के लिए आते है। यहाँ का वातावरण हर किसी को लुभाता है।
दावकी झील (Dawki lake)
भारत और बांग्लादेश के व्यापार में अहम भूमिका दावकी झील की है। मेघालय (Meghalaya) की सब से ज्यादा प्रसिद्ध झील में से एक है। इसका पानी पारदर्शी है। जिसकी वजह से बहुत ही सुंदर नज़र देखने को मिलता है। यहाँ पर लोग नाव चलाने के लिए मुख्य रूप से आते है।
हाथी झरना (Elephant falls)
हाथी झरना बहुत ही प्रसिद्ध झरना है। इस झरने का आकार हाथी की तरह है। अंग्रेजों ने इसका नाम "एलिफेंट फाल्स" रखा था। वर्ष 1897 में आये भूकंप के समय इसके पत्थर नष्ट हो गए। यहाँ का वातावरण बहुत ही शानदार है। यहाँ प्रति वर्ष बहुत बड़ी संख्या में लोग घूमने के लिए आते है।
जयंतिया हिल्स (Jaintia Hills)
जयंतिया हिल्स एक छोटी सी पहाड़ी है। इस स्थान पर किसी समय जयंतिया साम्राज्य था। म्यांमार से भारत को जोड़ने वाली पहाड़ी है। इस हिल्स पर वनस्पति और खनिज बहुत विशाल मात्रा में मौजूद है। लोग विशेष रूप से इस पहाड़ी पर घूमने के लिए आते है।
उमियम झील (Umiam Lake)
उमियम झील पिकनिक के लिए बहुत बढ़िया स्थान है। यह झील इंसानों के द्वारा बनाई गयी है। यहाँ का वातावरण बहुत ही मनमोहक और शांत है। शिलोंग से लगभग 15 किलोमीटर दूर है।
डॉन बॉस्को संग्रहालय (Don Bosco Museum)
डॉन बॉस्को संग्रहालय सात मंजिल की इमारत है। इस संग्रहालय में उत्तर पूर्वी भारत का इतिहास सहेज कर रखा हुआ है। सैलानियों को देखने के लिए हस्तशिल्प चीज़ें, पोशाकें, कलाकृतियां, हथियार और तस्वीरें मिलती है।
राज्य संग्रहालय (State Museum)
राज्य संग्रहालय में विशेष रूप से आदिवासी जीवन से जुड़ी वस्तु देखने को मिलती है। आदिवासी कलाकृति और उनके शास्त्रों को रखा गया है। आदिवासी जीवन को जानने के लिए यह बहुत बढ़िया स्थान है।
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